नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने “सीमाहीन और अदृश्य” आतंकवादियों के खतरों को लेकर चेतावनी दी और इनसे प्रभावी तरीके से निपटने के लिए उच्च तकनीक का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने ‘आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024’ के उद्घाटन सत्र में कहा कि आतंकवादी हमले अब सीमाओं के पार और अदृश्य तरीके से हो रहे हैं, इसलिए हमें युवा अधिकारियों को उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण देना होगा।
शाह ने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय आतंकवाद से लड़ने के लिए एक राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस राज्य का विषय है, लेकिन केंद्रीय एजेंसियां राज्य पुलिस की मदद करेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है और भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। गृह मंत्री ने यह भी याद दिलाया कि अब तक 36,468 पुलिसकर्मियों ने आंतरिक सुरक्षा के लिए शहादत दी है और उनके बलिदान को श्रद्धांजलि दी।
यह सम्मेलन गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें आतंकवाद के खतरे के खिलाफ समन्वित कार्रवाई पर चर्चा की जा रही है। इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी, केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी, और विशेषज्ञ शामिल हैं, जो आतंकवाद से लड़ने के नए तरीकों और रणनीतियों पर विचार करेंगे।